Saturday 18 July 2015

क्या आपका बच्चा भी अकेले कोने में बैठकर ये हरकत करता है?

तकनीकी जगत में हर रोज कुछ नया हो रहा है. इस तरक्की से हमारा और आपका जीवन भी खासा प्रभावित हो रहा है. कुछ मायनों में ये प्रभाव सकारात्मक है और कुछ मायनों में नकारात्मक. हमारे साथ-साथ हमारे बच्चों का जीवन भी इससे अछूता नहीं रह गया है. महज दो साल की उम्र में वे मोबाइल, टैबलेट व कंप्यूटर में इस कदर खो जाते हैं कि खुद को आसपास के माहौल से अलग कर लेते हैं. इसका असर उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर पड़ता है. चार साल की अरुणिमा ने एक साल पहले पहली बार मोबाइल फोन अपने हाथ में लिया था. इसके बाद उसके रंग बिरंगे डिस्प्ले में वह इस कदर खोई कि स्कूल के बाद और छुट्टियों के दौरान उसका एकमात्र हमसफर वही मोबाइल है. मुंबई में रहने वाली चार साल की अक्षिणी दीक्षित दो साल पहले टैबलेट से रूबरू हुई. आज की तारीख में वह यू-ट्यूब पर कविताएं सुनती है और विभिन्न प्रकार के गाने व गेम्स डाउनलोड करती है. स्क्रीन ने धीरे-धीरे न सिर्फ उसके आउटडोर खेलों की जगह ले ली है बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ बिताने वाले वक्त पर भी अधिकार कर लिया है. अरुणिमा और अक्षिणी सिर्फ दो नाम हैं. विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय बच...

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