Friday, 17 July 2015

पत्नी की मर्जी के बिना बनाया गया संबंध अपराध माना जाएगा!

केंद्र सरकार द्वारा गठित एक कमेटी ने मैरिटल रेप को अपराध माने जाने की सिफारिश की है. सरकार द्वारा गठित पाम राजपूत कमेटी ने सिफारिश की है कि मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. सोमवार को एक अंतर मंत्रालय समूह कमेटी की सिफारिशों पर चर्चा करेगी. सरकार नहीं है सहमत! गौरतलब है कि सरकार की राय और कमेटी की सिफारिशों में काफी अंतर है. गृहराज्य मंत्री हरिभाई चौधरी ने अप्रैल में राज्यसभा में कहा था कि मैरिटल रेप की अवधारणा भारतीय समाज के हिसाब से ठीक नहीं है क्योंकि यहां शिक्षा, आर्थिक हालात, सामाजिक रीति रिवाज और धार्मिक मसले भी जुड़े होते हैं. हालांकि सोशल एक्टिविस्ट सरकार के इस रुख का विरोध करते रहे हैं. इनका कहना है कि यूएन की कमेटी भी मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में रखने को जरूरी बता चुकी है. जस्टिस वर्मा कमेटी ने भी मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में रखने की सिफारिश की थी. मेनका गांधी ने किया समर्थन महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने का समर्थन किया है. मेनका ने हाल ही में कहा था, 'महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अ...

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