Saturday 18 July 2015

आखिर दिल्ली में कोई किसी को बचाता क्यों नहीं हैं?

नई दिल्ली: मीनाक्षी मर्डर केस के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. दो भाई मिलकर एक लड़की का कत्ल करते हैं. दोनों भाईयों की मां वारदात में शामिल है. लड़कों की मां मीनाक्षी का हाथ पकड़ती है, उसके बेटे मीनाक्षी पर चाकूओं से वार करते हैं! क्या हो रहा है ये सब? सरेआम मीनाक्षी का कत्ल हुआ. शाम सात बजे के करीब. बीच बाजार में. आसपास सैकड़ों लोग लेकिन सब खामोश. मूकदर्शक बने रहे सब. आखिर दिल्ली में कोई किसी को बचाता क्यों नहीं हैं ? इस सवाल की पड़ताल से पहले आपको बताते हैं मीनाक्षी मर्डर केस की पूरी कहानी. मीनाक्षी का मर्डर दिल्ली के आनंद पर्बत इलाके में गुरूवार की शाम साढ़े सात बजे के करीब बीच बाजार में हुआ है. शाम साढ़े सात बजे और बीच बाजार में मर्डर से ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि कई लोग मीनाक्षी की मौत के चश्मदीद बने होंगे . एक मासूम की मौत के मूकदर्शक! इंसानियत के नाम पर धब्बा लगाने वाले लोग!   35 बार चाकू से गोदा और मदद के लिए कोई नहीं आया सामने! लोग चाहते तो उसे बचा सकते थे! मीनाक्षी पर पहला हमला दोनों भाईंयों और उसकी मां ने उस वक्त किया जब व...

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